Wednesday, August 15, 2018

भारत

भारत देश है मेरा, जन्मभूमि तू मेरी,
तुझपे जाँ लुटाने में पल भर भी ना होगी देरी ।

गर्व है हमारे सैनिक पे जो हर पल तुझपे है क़ुर्बान,
हमें अनोखा बनाता है हमारा जनतंत्र और संविधान ।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक भाषा अनेक है,
अनगिनत व्यंजन और भेष है फिर भी हम एक है ।

तिरंगा सिने से लगाते है, संस्कारों से बना है हिंदुस्तान,
रोशन है हर क्षेत्र में, क्रीड़ा, अभिनय, कला हो या विज्ञान ।

लहराती खेतों में मीठी सी धूप है,
पूरे विश्व में सबसे सुंदर तेरा ही रूप है ।

हिमालय सा ऊँचा है सर, गंगा सा पावन मन,
हमारी संस्कृति ही है सबसे अमूल्य धन ।

इस देश में जश्न का दूसरा नाम है त्योहार,
जिसने लड़ के जीती आज़ादी उसकी कभी ना होगी हार ।

आबादी में ताक़त है, आध्यात्मिकता में है अभिमान,
रिश्तों को महत्व देते है हम करते हे अतिथि का सम्मान ।

तुझपे लगे कुछ दाग़ है और हम उनसे अनजान नहीं,
दाग़ लगाने वाले मनुष्य ही है पर हमारे लिए वो इंसान नहीं ।

हर बच्चे को शिक्षा मिले हर नारी को सम्मान,
कोई कृषि अन्न को ना तरसे होगा ऐसा सपनो का जहाँ ।

चलो एक प्रण ले मिलकर हर दाग़ मिटाएँगे,
विश्व भर में भारतवर्ष को सर्वश्रेष्ठ बनाएँगे ।