Wednesday, April 25, 2018

दो बच्चों की माँ


आँगन में आज दो फूल खिलें
घर में ख़ुशी की लहर छा गयी 
इन दोनो को देख के सोचती हूँ
जाने कब दो बच्चों की माँ बन गयी 


दिन भर घर से बाहर रहती थी 
घूमना-फिरना, सीनेमा में मशगूल रहती थी 
अब तो बस किलकारियों में क़ैद हो गयी 
जाने कब दो बच्चों की माँ बन गयी 


खाने का तो नाम ना लो, नख़रे हज़ार होते थे 
आज बच्चों के पीछे भागते भागते 
सुबह की चाई दोपहर की बन गयी 
जाने कब दो बच्चों की माँ बन गयी 


मेरी स्कूटी मेरी जान हुआ करती थी 
कभी भी, कहीं भी, यूँ ही निकल पड़ती थी 
कबसे ख़ुद के लिए जीने को तरस गयी 
जाने कब दो बच्चों की माँ बन गयी 


कपड़े जूते चुन चुन के पहनती थी 
घंटो चेहरे पे चंदन लगाया करती थी 
अब तो फ़ुर्सत से नहाना भी ख़्वाहिश बन गयी 
जाने कब दो बच्चों की माँ बन गयी 


कब कैसे जिंदेगी में इतनी दूर गयी 
खामखां ही इतनी बड़ी हो गयी 
ख़ुद के बचपन से उभरते उभरते
ना जाने कब दो बच्चों की माँ बन गयी 


नींद तो मानो पहला प्यार था मेरा 
अब रात से सुबह हो जाती है बच्चों को सुलाने में 
पर उनके सोने के बाद भी जब उनको निहारने लगी 

तब हंस पड़ी, सचमुच, मैं दो बच्चों की माँ बन गयी 

Wednesday, April 18, 2018

Baby No. 2

Baby No. 2

Yes! We always wanted you,
We were waiting for our baby number two!

You are not an addition or a bonus,
You are here to complete us

Your big brother needs you,
For all the mischief, old and new

Together we’ll play games of four,
Your daddy will let you win for sure

With you in our arms and the elder one on lap,
I can imagine how adventurous would be our nap 

Come soon little one, can’t wait any further,
Double the happiness of your dad, mom and brother 



जागो दुर्गा

जागो दुर्गा 

है माँ दुर्गा, तुम भी तो नारी थी 
अकेली ही असुरों पे भारी थी 

महिसासुर ने जब उपहास किया 
तुमने उसका सर्वनाश किया 

आज भी कुछ बदला नहीं 
वो असुर ही है इंसान नहीं 

यही प्रलय है यही अंत है
यहाँ बहरूपी राक्षस दिखते संत है

क्यूँ हो रही है इतनी यातना मासूमों पे 
क्यूँ असुर भारी पर रहे है इंसानो पे 

कैसे रहे हम जीवित ऐसी महामारी में 
क्यूँ नहीं तुम जाती हर नारी में 

तुम क्यूँ नहीं समझ रही 
तुम्हारे रूप की यहाँ कोई इज़्ज़त नहीं 

है माँ दुर्गा, जागो अपनी निद्रा से 
इंसानियत ख़त्म हो गयी दुनिया से 

या तो हमारी भी शक्ति जगा दो 
या तो सुरक्षित अपने पास बुला लो